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गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर को तड़क-भड़क और दिखावा तनिक भी पसंद न था। वे सादगी के हिमायती थे। एक
बार की बात है कि उनकी किसानों का देश पत्नी ने जन्मदिन के अवसर
पर उन्हें सोने के बटन भेंट में दिए । रवींद्र ने उनसे कहा, "छि:-छिः ! मैं सोने के बटन लगाऊँगा ! मेरा देश किसानों का है, मुझे तो लोहे के साधारण बटन दो।"
मूर्ति के समान मनुष्य का जीवन सभी ओर से सुंदर होना चाहिए।
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