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प्रमुखों ने सभा मण्डप में खड़े होकर अनुमति प्रदान की। दीक्षाभिषेक के पश्चात् नवदीक्षिता साध्वियों ने सन्त सतीवृन्द को विधिवत् वन्दन - नमन कर यथायोग्य स्थान ग्रहण किया । शान्तस्वभावी महासती श्री शांतिकंवर जी म. सा. के संकेतानुसार नमोत्थुण के पाठ का उच्चारण कराया गया और सिर पर अवशिष्ट केशों का लुंचन किया गया।
दीक्षाविधि के पश्चात् भी समारोह बिना माइक के निराबाध रूप से प्रातः १०.३० बजे तक चलता रहा । इस अवसर पर सर्व श्री नवरतनमल जी डोसी, श्री नवरतन जी डागा, श्री विमलचन्द जी डागा, सुश्री शालिनी मेहता, श्री हस्तीमल जी गोलेच्छा, श्री ज्ञानेन्द्र जी बाफना, विरक्ता बहन सुश्री पायल, सुश्री नूतन, सुश्री माला ने अपने भाव-भक्तिमय विचार प्रकट किये। बालोतरा श्रीसंघ ने चातुर्मास हेतु भावभरी विनति प्रस्तुत की । न्यायाधिपति श्री जसराज जी चौपड़ा ने अपने हृदयोद्गार व्यक्त किए।
मुनिश्री का संकेत पाकर महासती श्री मुदितप्रभा जी म.सा., महासती श्री रुचिता जी म.सा. महासती श्री सुश्रीप्रभा जी म.सा. और महासती श्री समता जी म.सा. ने संक्षिप्त किन्तु प्रेरणादायी प्रवचन के माध्यम से संयम की महत्ता बताई।
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मधुर व्याख्यानी श्री गौतममुनि जी म.सा. ने अपने प्रवचन में फरमाया- इन बहिनों ने अंधकार से प्रकाश की ओर तथा अणु से विराट् की ओर बढ़ने हेतु तीन मूल मंत्र स्वीकार किए हैं- १. सावज्जं जोगं पच्चक्खामि २. मित्ती मे सव्वभूएस और ३ समयं गोयम ! मा पमायए । " तपस्वी श्री प्रकाशमुनि जी म. सा. ने अपने आशीर्वचन में फरमाया- "आज सोमवार है । सोम को चन्द्र कहते हैं, आप चन्द्र की तरह प्रकाशित हों।"
प्रवचन के पश्चात् दीक्षा के अनुमोदन में कई भाई-बहनों ने जमीकन्द के त्याग किए। कुछ लोगों ने मौनव्रत का नियम लिया। नवदीक्षिता श्री अनिता जी के ताऊजी श्री भंवरलाल जी जैन ने सपत्नीक शीलव्रत के खंद किए। स्वागत समिति के सदस्य श्री पुखराज जी चौधरी - पीपाड़शहर ने भी शीलव्रत का खंद अंगीकार कर दीक्षा की अनुमोदना की।
स्वागताध्यक्ष एवं अ. भा. श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ के संरक्षकमण्डल के संयोजक माननीय श्री मोफतराज जी मुणोत ने नवदीक्षिता साध्वियों के प्रति अपनी शुभकामनाएँ व्यक्त करते हुए कहा कि जिस पथ पर वे अग्रसर हुई हैं, उस पर सूर्य की भांति चमकें और स्व-पर का कल्याण करें । लुणावत परिवार, पीपाड़ श्रीसंघ एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं और व्यक्तियों का मुणोत साहब ने हृदय से आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय संघाध्यक्ष श्री रतनलाल जी बाफना ने समागत सभी श्री संघों का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन समर्पित युवा श्री
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