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________________ सिन्दूरप्रकर ३२२ m m mmm ३४४ २३४ २३. लोभ की पराकाष्ठा लोभत्याग प्रकरण २४. लोहो सबविणासणो लोभत्याग प्रकरण २५. सज्जनता का परिणाम सौजन्य प्रकरण २६. दुर्जनता की फलश्रुति सौजन्य प्रकरण २७. डाकू से संन्यासी गुणिसंग प्रकरण २८. संगत की रंगत गुणिसंग प्रकरण २९. इन्द्रियों की दासता इन्द्रियदमन प्रकरण ३०. अनियन्त्रित इन्द्रियों का कहर । इन्द्रियदमन प्रकरण ३१. लक्ष्मी है वहां लक्ष्मीस्वभाव प्रकरण ३२. प्रभुत्व किसका : धन या धर्म का? लक्ष्मीस्वभाव प्रकरण ३३. सुपात्रदान दान प्रकरण ३४. दृढप्रहारी तप प्रकरण ३५. अनुराग से विराग भावना प्रकरण ३६. भावना के अनुरूप फल भावना प्रकरण ३७. यों हुआ वैराग्य वैराग्य प्रकरण ३८. वृद्धावस्था : वैराग्य का हेतु वैराग्य प्रकरण ३४५ ३५३ ३५७ ३५९ ३६७ ३७४ ३७७ ३८१ ३८३ ३८७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003217
Book TitleSindurprakar
Original Sutra AuthorSomprabhacharya
AuthorRajendramuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2006
Total Pages404
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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