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प्राकृतभाषा विभाग का सुयश
श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ (मानित विश्वविद्यालय), नई दिल्ली110016 के प्राकृतभाषा विभाग के छात्र श्री विजयसेन बालगोंडा पाटील ने 'आचार्य परीक्षा' में स्वर्णपदक प्राप्त किया है। आप जैनदर्शन एवं प्राकृतभाषा के अच्छे अध्येता रहे हैं। आपको दिनांक 17 फरवरी, 2002 को सम्पन्न दीक्षांत समारोह में डॉ. रमारंजन मुखर्जी के करकमलों से उपाधि एवं स्वर्ण पदक समर्पित किया गया।
इसी विद्यापीठ के प्राकृतभाषा विभाग की ही छात्रा कुमारी प्रीति अग्रवाल ने 'आचार्य परीक्षा' में सम्पूर्ण विद्यापीठ में महिला-वर्ग में सर्वोच्च अंक लेकर स्वर्णपदक प्राप्त किया है। आप प्राकृतभाषा की अच्छी अध्येत्री रही हैं, आपको दिनांक 17 फरवरी, 2002 को सम्पन्न दीक्षांत समारोह में डॉ. रमारंजन मुखर्जी के करकमलों से उपाधि एवं स्वर्ण-पदक समर्पित किया गया।
पत्राचार प्राकृत सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम दिगम्बर जैन अतिशयक्षेत्र श्रीमहावीरजी द्वारा संचालित 'अपभ्रंश साहित्य अकादमी' द्वारा पत्राचार प्राकृत सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम' प्रारम्भ किया जा रहा है। सत्र 1 जुलाई 2002 से प्रारम्भ होगा। इसमें प्राकृत, संस्कृत, हिन्दी एवं अन्य भाषाओं/विषयों के प्राध्यापक अपभ्रंश, प्राकृत शोधार्थी एवं संस्थानों में कार्यरत विद्वान् इसमें सम्मिलित हो सकेंगे।
-डॉ. कमलचन्द सोगाणी, जयपुर **
वैशाली-महोत्सव-सम्पन्न भगवान् महावीर के 2600वें जन्मोत्सव के अवसर पर 25 अप्रैल 2002 को भगवान् महावीर की जन्मस्थली पावनतीर्थ वैशाली में एक भव्य समारोह 'वैशाली महोत्सव' के रूप में हुआ। इस अवसर पर प्राकृत, जैनशास्त्र एवं अहिंसा शोध संस्थान में दिनांक 25 एवं 26 अप्रैल को मध्याह्न में द्विदिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसका विषय था'आतंकवाद के शमन में भगवान महावीर के उपदेशों की प्रासंगिकता'। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ. नीहार नन्दन सिंह ने की। मुजफ्फरपुर के कमिशनर श्री जयराम लाल मीना इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि थे। ____ 25 अप्रैल को संध्या वेला में भगवान् महावीर के चित्र के सम्मुख बिहार सरकार के पर्यटन तथा कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री अशोक कुमार सिंह ने दीप प्रज्जवलन करके कार्यक्रम का विधिवत् उद्घाटन किया। अध्यक्षता करते हुए राजद अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री लालू प्रसाद ने भगवान् महावीर स्मारक समिति द्वारा प्रकाशित पत्रिका 'भगवान् महावीर-स्मृति-वैशाली' का लोकार्पण किया। इस विशिष्ट-अंक में अनेक विद्वज्जनों के भगवान् महावीर के जन्मस्थान-वैशाली के सम्बन्ध में ऐतिहासिक पुरातात्त्विक एवं शास्त्रोक्त-तथ्यों पर आलेख एवं मत प्रकाशित किये गये हैं। विशिष्ट अतिथि पद से श्रीमती
प्राकृतविद्या-जनवरी-जून '2002 वैशालिक-महावीर-विशेषांक
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