________________
विदेहपुर (सं.नपुं.)-राजा जनक की राजधानी । विदेहा - (सं.स्त्री.)-मिथिला नगरी और उस प्रदेश का नाम । विदेहिन् (सं.पुं.)-ब्रह्म।"
मगध:—'ऋग्वेद' में इसको कीकट' कहा गया है। अथर्ववेद' में मगध नाम विद्यमान है। इसकी सबसे प्राचीन नगरी का नाम 'गिरिव्रज' था। बुद्धदेव के समय बिंबिसार की राजधानी राजगृह थी, यह गिरिव्रज के निकट ही था।... मगध में गया, पुन:-पुन: नदी, च्यवन का आश्रम और राजगृह वन, आदि पवित्र तथा पुण्य-स्थान हैं। इसीलिये इनका हिन्दू, बौद्ध तथा जैनी आदर करते आ रहे हैं।
"कीकटेषु गया पुण्या नदी पुण्या पुन: पुन:।।
च्यवनाश्रमं पुण्यं पुण्यं राजगृहं वनम् ।।"15 पटना विश्वविद्यालय के इतिहास-विभाग' के प्रसिद्ध विद्वान् डॉ. ओम प्रकाश प्रसाद के शब्द इस सन्दर्भ में उल्लेखनीय हैं
___ "दूसरा महत्त्वपूर्ण जनपद 'मगध' था।.... इसका विस्तार आधुनिक बिहार-राज्य के 'गया' और 'पटना' जिलों के बराबर सम्भवत: था। इसके उत्तर में 'गंगा', पश्चिम में 'सोन', दक्षिण में विन्ध्याचलपर्वतश्रेणी का बढ़ा हुआ भाग और पूर्व में 'चम्पा' नदी थी। ... 'मगध' (मगधा) नामक क्षत्रियजाति की निवासभूमि होने के कारण यह जनपद 'मगध' कहलाया। मगध की राजधानी 'राजगृह' थी।"16 ___ "वज्जी-गणतन्त्र की स्थापना 'विदेह' के राजतन्त्र के पतन के समय हुई थी।... वज्जीसंघ का प्रदेश गंगा के उत्तर में नेपाल की तराई तक फैला था। इसमें आधुनिक बिहार-राज्य में स्थित मुजफ्फरपुर, चम्पारण, दरभंगा और सारण के अधिकांश-भाग सम्मिलित थे। इसके पूर्व में 'बागमती' नदी और पश्चिम में 'गण्डक' नदी थी। इसकी सीमा 'मल्ल-गणतन्त्र' और 'मगध-राज्य' से मिलती थी।"17 . प्रख्यात मनीषी डॉ. धीरेन्द्र वर्मा 'विदेह' का परिचय देते हुए लिखते हैं
"कोसल के पूर्व में गंडक के आगे बिहार का वर्तमान 'मिथिला' प्रदेश प्राचीनकाल में 'विदेघ' या 'विदेह' जनपद के नाम से प्रसिद्ध था।.... कोसलाधिपति राम की स्त्री सीता विदेहाधिपति जनक की कन्या थी।..... विदेह-जनदपद वृजि' (वज्जि) गण के रूप में परिवर्तित हो गया था। इसके अन्तर्गत आठ जन थे, जिनमें 'विदेह' और 'लिच्छिवि' प्रधान थे। वृजिगण की राजधानी 'वैशाली' हो गयी थी।..... 'दरभंगा' के रूप में 'विदेह-जनपद' का पृथक्-अस्तित्व आज भी स्मरण हो आता है।"18
ऐतिहासिक स्थानावली' के लेखक डॉ. विजयेन्द्र कुमार माथुर ने 'मगध' और विदेह' का परिचय निम्नानुसार दिया हैमगध
बौद्धकाल तथा परवर्तीकाल में उत्तरी-भारत का सबसे अधिक शक्तिशाली जनपद था।
प्राकृतविद्या-जनवरी-जून '2002 वैशालिक-महावीर-विशेषांक
10 11
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org