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________________ भगवान् पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास ] [मुख्य २ षटनामों का समय २०७३ १०७४ १०७८ १०८० १०८० १०६६ ११०८ ११०६ १११३ ११२० ११२२ ११२८ ११२६ ११३२ ११३५ , आचार्य देवगुप्त सूरि ( जयसिंहसूरि ) ने नवपदप्रकरण ग्रन्थ रचा , आचाय सिद्धसूरि का पद त्याग और ककसूरि गच्छनायक , पाटण के राजा दुर्लभ का राजपद त्याग , पाटण में राजा भीम का राज मुहम्मद गजनी ने पट्टन सोमनाथ महादेव का मन्दिर और लिंग तोड़ा , बादि बेताल शान्तिसूरि ने धारा की राज-सभा में विजय प्राप्ती की तथा श्री उत्तराध्ययनजी की टीका रची और बाद आपका स्वर्गवास हुआ आचार्य अभयदेवसूरि को 'सूरि-पद' आचार्य ककसूरि का पद त्याग और देवगुप्तसूरि गच्छनायक , श्री जीरावला पार्श्वनाथ के मन्दिर की प्रतिष्ठा , श्री गिरनार तीर्थ के मन्दिर का शिला लेख द्रोणाचार्य ने आचार्य अभयदेवसूरि की टीका का संशोधन किया थेरापद्र गच्छीय नेमिसाधु ने रुद्राट का काव्यालंकार पर टीप्पण श्राचार्य देवगुप्तसूरि का पद त्याग और सिद्धसूरि गच्छनायक प्राचार्य नेमिचन्द्रसूरि ने उत्तराध्ययन सूत्र पर टीका रची श्राचार्य जिनदत्तसूरि का जन्म आचार्य अभयदेवसूरि का स्वर्गवास मतान्तर ११३९ आचार्य अभयदेवसूरि के पद पर वर्द्धमानसूरि आचार्य हुए आचार्य जिनदत्तसूरि की दीक्षा , आचार्य बादीदेवसूरि का जन्म श्राचार्य हेमचन्द्रसूरि का कार्तिक पूर्णिमा का जन्म सिद्धराज जयसिंह.का पाटण में राजाभिषेक आचार्य हेमचन्द्रसूरि की दीक्षा आचार्य बादीदेवसूररि की दीक्षा आचार्य हेमचन्द्रसूरि को श्राचार्य पद आचार्य चन्द्रप्रभसूरि ने पूर्णिमायागच्छ निकाला श्राचार्य ने विधि पक्ष नामक गच्छ निकाला जिनवल्लभसूरि ने चितोड़ में आश्विन कृष्णा त्रोदशी को छटा कल्याण की प्ररूपणा की जिनवल्लभ का सूरि पद और स्वर्गवास आचार्य जिनदत्तसूरि को सूरिपद वीसावाल गच्छ के धनेश्वरसूरि की विद्यमानता श्राचार्य सिद्धसूरि का पद त्याग और कक्कसूरि गच्छनायक पद पर .. आचार्य बादीदेवसरि को सरि पद पर ,, मलधारी हेमचन्द्राचार्य की विद्यमानता , प्राचार्य धर्मघोषसूरि ने फलोदी ५०० ठाणे से चातुर्मास किया , श्री फलोदी पार्श्वनाथ के मन्दिर की प्रतिष्ठा ११४१ ११४३ ११४५ १९५० ११५० ११५२ ११५६ ११५६ ११६४ १९६७ ११६१ ११७४ ११७७ ११८० ११८१ Vvvvvvvvvv Jain Education International For Private & Personal Use Only w१५६३ary.org
SR No.003212
Book TitleBhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarvijay
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
Publication Year1943
Total Pages842
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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