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________________ जैन मूर्तियों पर के शिलालेख ] [ भगवान् पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास श्री श्री श्री सावदेवसूरिभिः साहमाणिक भार्या हर्षाई पुत्र प्राप्तिर्भवत । जैन धातु प्र० लेख संग्रह भाग दूसरा लेखांक ६७१ ४४-संवत् १५१५ वर्षे फागुण सुदि १२ बुधे श्रीकोरंटगच्छे उपकेशज्ञातीय साहधर्म भार्या धर्मादेपुत्र श्रेष्ठिधारा श्रेष्ठिलाइआ श्रे० लाइआकेन भ्रातृवलाश्रेयोऽर्थ श्रीसंभवनाथ बिम्ब कारितं प्रति० श्रीसोमदेवसूरिभिः जैन धातु प्र० लेख संग्रह भाग दूसरा लेखांक ८६१ ४५-सम्बत १५३० माघ सुदि ५ दिने श्रीउपकेशवन्शे लघुशाखायां श्रेष्ठि धणपाल भार्या अरघू पुत्र घोघर भार्या नाईनाम्न्या स्वश्रेयसे जीआदिनाथ बिंब कारिन्त श्रीकोरंटगच्छे श्रीकक्कसूरि पट्टे श्रीसावदेवसूरिभिः प्रतिष्ठिन्त अलीणाग्रामे ॥ जैन धातु प्र० लेख संग्रह भाग दूसरा लेखांक २१८ . ४६-संवत् १५३१ वैशाख सुदि ५ सोमे श्रीवायडज्ञातीय व्यव० कान्हडभार्या सहजलदे पुत्र कर्मण भार्या खेतू पुत्र नगराज महिराज जावड नगराजेन भार्या रंगीपुत्र धनादियुतेन स्वश्रेयसे श्रीमुनिसुव्रतबिम्बं कारितं श्रीकोरंटगच्छे श्रीसर्वदेवसूरिभिः प्रतिष्ठितं ॥ जैन धातु प्र० लेख संग्रह भाग दूसरा लेखांक ६६३ ४७-सम्वत् १५३१ वैशाख सुदि ५ सोमे श्रीोसवन्शे वृद्धशाखीय श्रे० श्रीवणसुतश्रे० सारंग भार्या स इजलदे पुत्र श्रे० हापा भार्या मटकूपुत्रश्रे० माणिकजीवाभ्यां पुत्र पौत्र शृगारिताभ्यां स्वश्रेयसे श्रीश्रेयांसबिंब कारितं श्रीकोरंटगच्छे श्रीनन्नाचार्य सन्ताने श्रीककसूरि पट्टे प्रभु श्रीसावदेवसूरिवरैः प्रतिष्ठितं भलाडाग्रामे ।। जैन धातु प्र० लेख संग्रह भाग दूसरा लेखांक ७४८ ४८-संवत् १५४६ वर्षे माघ सुदि ५ सोमे श्रीकोरंटगच्छे ओसवाल ज्ञा० ध्रुवगोत्रे श्रे० कालू भार्या डाही पुत्र नाथा भार्या नाथी सु० रत्नपाल सहजा वीरपालयुतेन श्रीसुनिसुव्रतस्वामि बिम्बं का प्रतिष्ठित श्रीसावदेवसूरिपट्टे श्रीनन्नसूरिभिः ।। शुभं भवतु ॥ जैन० धातु प्र० लेख संग्रह भाग दूसरा लेखांक १२३ ४६-संवत् १५६६ वर्ष ज्येष्ठ मासे शुक्ल पक्ष त्रयोदशीतिथौ भौमवारे श्रीमाली ज्ञातीय लघुशाखीय सा० हादा भार्या हेमादे पुत्र सा० बलिराजेन भार्या षीमाईपुत्र जयचन्दयुतेन स्वश्रेयसे भीवासुपूज्य बिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीकोरंदगच्छे भट्टारक श्रीनन्नासूरिभिः श्रीस्तंभतीर्थ नगरे॥ जैन धातु प्र० लेख संग्रह भाग दूसरा लेखांक १०६६ ५.-सम्बत् १५७३ वर्षे आसाढ़ सुदि ५ गुरौ ओसवालज्ञा. वृद्धशाखीयसा० घर्मण भार्या धर्मादेपुच्या तथा साह सहसकिरण भार्यया सोनाईनाम्न्या श्रीआदिनाथ बिंब का० प्र० कोरंटगच्छे श्रीनन्नसूरिभिः मातरप्रामे ॥ जैन धातु प्र० सं० भाग दूसरा लेखांक ७६६ ५१-सं० १६११ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १२ शनौ ओ० ज्ञा० साह हेमा सं० साह सिधराजेन श्रीसुपार्श्व बिंबं कारितं श्रीकोरंटगच्छे श्रीनन्नसूरिभिः प्रति० ॥ जैन धातु प्र० लेख संग्रह भाग दूसरा लेखांक ६५६ ५२--सं० १६१२ वर्षे शाके १४७८ प्रवर्त्तमाने साह जीवाभार्या जीवादे पुत्रीबाईरनाई बिम्ब कारापितं श्रोशान्निनाथः । कर्मक्षयार्थं प्रतिष्ठितं च श्रीकोरंटगच्छे भट्टारिक श्री ५ नन्नसूरिभिः श्रीशांतिनाथ बिम्ब प्रतिष्ठितं शुभं॥ जैन धातु प्र० लेख सं० भाग दूसरा लेखांक ६६६ ५३-संवत् १५२१ वर्षे वैशाख बदि ६ बुधे उपकेश ज्ञातौ भ० संग्राम भार्या खीमाइ नाम्न्या पुत्र हरिश्चन्द्र तद्वधू कीकीबाई सहितया आत्मश्रेयोऽथ श्री धर्मनाथ विंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीकोरण्ट गच्छे श्री नन्नाचार्य सन्ताने श्रीककसूरि पट्टे श्री सावदेवसूरिभिः । धातु प्रथम भाग नम्बर १४ ५४-संवत १५११ वर्षे.............'बदि ५ रखौ श्री कोरण्टकगच्छे उपकेश ज्ञा० सिया भार्या Forporate उपकेशगच्छाचार्यों द्वारा मन्दिर मूर्तियों की प्रतिष्ठा १५४२ Jain Education international ww.jainelibrary.org
SR No.003212
Book TitleBhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarvijay
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
Publication Year1943
Total Pages842
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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