SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 811
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैन मूर्तियों पर के शिलालेख ] [ भगवान् पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास भागवान् पार्श्वनाथ की परम्परा में उपकेशगच्छ की दुसरी शाखा में श्रीकोरंटगच्छाचार्यों ने मन्दिर मूर्तियों की प्रतिष्ठाएँ करवाई जिसके मुद्रित शिलालेख १-संवत् १२६३ वर्षे फागण सुदि ८ कोरंटगच्छे.... भीला....."धर्मनाथ वि कारितं प्रतिष्ठित ककसूरिभिः ॥ बा० पू० लेखाँक २०८० २-(१) ॐ संवत् १३१७ वर्षे ज्येष्ट बदि ११ बुधे श्रीकोरंटगच्छे श्रीनन्नाचार्य सन्ताने...... (२) साह भीमा पुत्र जिसदेव रतन अरयमदन कुन्ता महणराव मातृ लाछी श्रेयो) बिंब (कारि) (३) (ता) प्रतिष्ठितं । श्रीसर्वदेवसूरिभिः॥ जैन लेख संग्रह दूसरा लेखांक १९५० ३-(१) ॐ संवत् १३४० ज्येष्ठ बदि १० शुक्रे पल्लीवाल''भार्या वीरपाल भ्रा० पूर्णसिंह भार्या वय (२) जलदेवि पुत्र कुमरिसिंह केलिसिंह भार्या ठ०... आत्मश्रेयोर्थ ॥ श्रीपार्श्वनाथ बिंब का (३) रितं प्रतिष्ठितं भीकोरंटकीय सूरिभिः ॥ शुभम् ॥ बा० पू० लेखांक १७६२ ४-(१) संवत् १४०६ वर्षे वैशाख मासे शुक्ल पक्षे ५ पंचम्यां तिथौ गुरु दिने श्रीकोरंटगच्छे श्रीनन्ना. चार्य संताने महं महं कउंरा भार्या करदे पुत्र महं मदन नर पूर्णसिंह भार्या पूर्णसिरि सुत महं धांधल मूल मं० जसपाल गेदा रुदा प्रभृति समस्त कुटुम्बं श्रेयसे श्री युगादिदेव प्रसादे महं धांधुकेन श्रीजिनयुगलद्वयं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीनन्नसूरि पट्टे श्रीककसूरिभिः। बा० पू० लेखॉक २०१४ ५-संवत् १४३७ वर्षे वैशाख वदि १० सोमे । श्री कोरंदगच्छे श्रीनन्नाचार्य सन्ताने उपकेश झा श्रे० सोमा भार्या सूमलदे पुत्र सोनाकेन पितृ मातृ श्रे० श्री आदिनाथ बिबं का०प्र० श्री सांवदेव सूरिभिः ।। बा० पू० लेखांक १०५७ ६-संवत् १४८४ वर्षे वैशाख सुदि १० रखौ श्री कोरंटकीयगच्छे श्रीनन्नाचार्य संताने उपकेश ज्ञातीय मं० मलयसिंह भार्या मालणदेवी स० म० मदनेन पुत्र लुणा सहितेन भार्या हेमा श्रेयो) श्रीसंभवनाथ बिंब कारितं प्रतिष्ठितं कक्कसूरिभिः ॥ ___जैन लेख संग्रह भाग दूसरा लेखांक २१०२ ७-संवत् १४६१ वर्षे फागण सुदि १२ गुरौ कोरंटवालगच्छे उपकेश ज्ञातीय संखवालेचा गोत्रे तपसी पुत्र जाणाकेन श्रेयसे श्री धर्मनाथ बिंबं कारितं प्रति० सांबदेव सूरिभिः॥ बा० पू० लेखांक २०८२ ८-संवत् १४६६ फागुण वदि ६ बुधे उकेश ज्ञातीय साह जमसी भार्या ऊवकू पुत्र्या श्रा० रोहिणी नाम्न्या क० जिणंद वासा स्वभर्तृनिमित्तं श्रीशांतिनाथ बिंबं का० प्रति० श्रीकोरंटगच्छे श्री कक्कसूरि पट्टे श्री सावदेव सूरिः ॥ बा० पू० लेखांक १३३० ...-संवत् १५०६ वर्षे माह वदि । श्रीकोरंटकीयगच्छे श्रीनन्नाचार्य संताने । ऊ ती० सुचन्ती गोत्रे भार्या आभरमुणया पुत्र हाता भार्या हुती पुत्र मांडण भार्या माणिक पुत्र खेतादि श्रीवासपूज्य बिंब कारापितं प्र० श्री सांबदेव सूरिभिः । जैन लेख संग्रह भाग दूसरा लेखांक ११८३ १०-संवत् १५०८ वैशाख बदि ११ दिने उपकेश ज्ञातीय डागलिक गौत्रे। साह धिना भार्या वारू पुत्र संघवी पासवीरेण भार्या संपूरदे सहितेन स्वश्रेयसे श्री संभवादि तीर्थकृञ्चतुर्विशति पट्टः का० प्र० श्रीकोरंटगच्छे श्रीनन्नाचार्य सन्ताने श्रीककसूरि पट्टे सावदेव सूरिभिः ॥ श्री॥ जैन लेख सं० भाग दूसरा लेखांक १७३३ १५३८. ___ उपकेशगच्छाचार्यों द्वारा मन्दिर मूर्तियों की प्रतिष्ठा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003212
Book TitleBhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarvijay
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
Publication Year1943
Total Pages842
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy