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वि० सं० ७७८ से ८३७]
[भगवान् पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास
खंडेलवाल लहुवै जस खाटै, सगली विधि ठठवाल सहे ॥ खटबड़ असौचीया डांगी हीगड, खित पगारिया मांभरा पटे ॥ वदागात बखणे अम बेरसल, खरी न्याति हीरा खांणे। खीची अपरी कुहाड़ गोखरू, घीया भरगं गवाल धणे। अती ओसवाल न्याति उजालं. बघौ बडि महथ वाखाणे ॥ येती ओसवाल न्याति उठजालं, वधौ वड़ि महथ वाखाणे ॥ आयचां, तातहट भूरा आखीये, करणांटा बाकण। कहे । टोटखाल टिकलिया तबिजे, ककड़ बीरोलिया कहीये । चीचड अराभंड कूकड़ा, चावा लहुडीडू कुभटा लहे ॥ नादेचा रातड़ीया ढाबरीया नखै, निकलकं नाखरीया नहीये । सेठीया भिरह मोर सुसंचीती श्री श्रीमाली सुरताणे। | मगदीया अचलिया छोहरीया महि, हीरण घमारी दलिद हणे येती ओसवाल न्याति उज्जालं, बघौ बड़ि महथ वाखाणे ॥ येति ओसवाल न्याति उज्जालं, वधौ बड़ि महथ वाखाणे ॥ शंका अर लिंगा वैद कहि रूपक सलहां लोढा सूरोणा। वडहरा भांगरीया जोधपुरा वलि, नागौरी वधवाल नर । नाहर बोथरा चोपड़ा निरमल घण दांनी पारिख घणा ॥ नरवै मीठडीया नलवाया नीधननर, हित जालोरी दलिहरं ॥ सांडि सीखा गोलेछा बहु विधि, जगपुर चं रडया जाणे। चिंडालोया परद पालेरचा चाचवि, इगरिया जड़ीया डाणे । येती ओसवाल न्याति उज्जालं, बघौ बड़ि महथ बाखांणे ॥ येति भोसवाल न्याति उज्जालं, वधौ बड़ि महथ वाखाणे ॥ गादहोया चंब चौधरी दूगड विनाइकाया वंभ भणे । रूणवाल भटेवरा जांगड़ा राजे, धुपीया खांटहड कहा घने । दरड़ा प्रामे का बड़ दाखा, भुत सखवाला सुजस सुणे ॥
पीपाड़ा वोरोदीया चतुर पणि मेड़तवालां कहे मने ॥ भंडसाली अधिक छाजहड़ भल्ल पण इल कांकरिया अहिनाणे | असम गोत्र रोटागिण आखा, बुरड़ घांध बहु विधि वाणे। येती ओसवाल न्याति उज्जालं वधौ बड़ि महथ वाखाणे ॥ येति ओसवाल न्याति उज्जालं, वधौ वड़ि महथ वाखाणे ॥ वागरेचा वौहरा मीठडिया वलि. छजलांणी डागा छाजै ।
| भड़कतीया मंडोरा भणीये, मंडलेचा अघीका मुणीये । हाकलिया सांड सांकला डाही. काबेडिया कयावर काजे ॥
वलि वीरोला डुगरवाला वाचीजै थंभ महेवचा जस थुणिये ॥ लणिया सीसोदिया वांगाणी, पूरे वगड़ परियांणे।
दिल्लीवाल महमबाल दूधेडीया, प्रगट वोपमा परमाणे । येती ओसवाल न्याति उज्जालं, वधौ वढ़ि महथ वाखाणे॥ | येति ओसवाल न्याति उज्जालं, बधो वड़ि महथ वाखाणे । छलोया केलाणी भेलडीया छलि, ललवाणी लोकड़ लेखे ।
सोजतीया मदोवरा सुणि जे माणहंडिया रेहड मंडे । सीरोहिआ मालू सौ विधि सुंदर. दीपक मालवीया देखे ॥
गजदाता सुर हुवो गुण हडीयो, बढ़पात्रा दालिद विहडै ॥ गणधर चौपड़ा देसलहर गाजै, विधि कहि फोफलीया मांणे । अमराव तेज तूज हो अबिचल, भुवनंतर उगै भाणे । येती ओसवाल न्याति उज्जालं, वधौ वड़ि महथ वाखाणे ॥ येति ओसबाल न्याति उज्जालं, वधौ वढि मत्थ वाखाणे ॥ कूकड़ लुणावत खीवसरा कहि सहसगणा माहे सोह।
॥ जर्दा जद गोत्रना प्रसिद्ध श्रीमालीयो । बाबेल लुणावत फलोधीआ वहु, मतिसागर जोगह मोहै ॥ | आगे अधिकारी थे अनंत तिस नाम कहूँ श्रीमालका, कुलण नाहटा भंडारी कहीये, वले वांठिया निधि वाणे ।
इस कलि में सांडा कोडिया दे कनक टका कलिकालका, येती आसवाल न्याति उज्जाल, वधोवदि महथ वाखांणे ॥
इस परि भीम तंबोल त्यागी, हेम मुकत अरू लालका, मुहणोत अनै भंडसाली मोटिम, बरहडिया विधि विधि वाया। उदेसी वीधू टाक दांनि, जासा अरू देपाल का, पंशुल प्रामेचा सोनी सफला सह विधि मोहांणी साचा॥ उह दिली गोपा बदलीया जेजिया छुटया दर हाल का, भगलीया कोठारी पोकरणा मणि, येम गहलडा आपणे । । रतनागर नाहा भांडिया ढिली ढिग झझरवाला, येती ओसवाल न्याति उज्जल, वधौवडि महथ वाखाणे ॥ । राय सधारह सीरी वछ भंडारी सेर संभालका. डोसी कटारिया पाल्हवत समदडीया गिडीया साचा । लिखी सतीदास चिंडालिया, जो देसक माने चालका, राखेचा वाघरेचा बांसि रूपक, विहु डोहीया नहु वाचा ॥ लाकज नरसी रैपती करी नर बोहरा नरपाकका, थोरवाल वोपमा लालण, जुगति नाग गोत्रा जाणे । इस जुग में वेगो महाराज थे, सिधुद अमिट भटालिका, येति भोसवान्याति उज्जाल, वधौवडि महथ वाखाणे ॥ | इण काण्योपन घिरिया जुनिवाल, हरखारड हरपालका, बड़ गोत्रा आछा गोत्रा बड़ला धाड़ीवाहा घवलधरे।। | वो कीरतिमल कुकड़ी आंदरोज करनाल का,
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महाजन संघ के प्राचीन कवित
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