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________________ आचार्य कक्कसरि का जीवन ] [ ओसवाल सं०११७८-१२३७ , खेमे ने " अजड़ ने ., पोकरण २९-मादड़ी , कुलहट ३०-वल्लभी , सुचंति लाला ने ३१-कोरंटपुर , श्रीमाल ३२-मधुमति , श्री श्रीमाल सांगण ने ३३-राजपुरा , भाद्र । ,, सारंग ने ३४-मेदनीपुर , कुम्मट , माधो ने आचार्यश्री के ५६ वर्षों के शासन में मन्दिरों की प्रतिष्ठाएं। १-जोगनीपुर को जंघड़ा गौत्रीय पीरा ने-महावीर मं० श्र० २-भारोटिया भीमसी ने-, ३-सरसा रोडाशाह ने-, ४-दान्तीपुर विरहट लालाशाह ने-, ५-थंभोर श्रेष्टि पोमाशाह ने-पार्श्व० म० अ० ६-जाबलीपुर प्राग्वट हरपाल ७-वडियार "प्राग्वट लाखणशाह ने ~~ ८-भीनमाल "कुलट नागपाल ने-शान्तिनाथ ९-सीलार , श्रीमाल संगण ने१०-गोसलपुर ,, आर्य इन्दाशाह ने-आदीश्वर ११-शिवपुर , श्रेष्टि सोनाल शाह ने-महावीर १२-गगरकोट , भाद्र सम. चोकाशाह ने- , १३-कोटीपुर , श्रीश्रीमाल ऊभाशाह ने- " १४-चुड़ी " सुचंति पांवाशाह १५-अागला ,, श्रीमाल लछमण ने पार्श्वनाथ १६-उगराणी , श्रीमाल नोंधाशाह ने-, १७-वल्लभी श्रीमाल गोमा शाह ने-, १८-करणावती ,, प्राग्वट ठाकरशाह ने- , १९-मांडव ,, बलाह राजाशाह ने-- , २०-दसपुर ,, मोरख निंबाशाह ने-सीमंधर २१-चंदेरी , कुम्मट सावंतशाह ने-पार्श्वनाथ २२-चन्द्रावती कनोजिया गंगाशाह ने-विमलनाथ २३-सादंगपुर विमलशाह ने-नेमिनाथ २४-राजपुर , डिडु कोकलशाह ने-महावीर २५-धोलपुर , तोडियाणी हाथीशाह ने- , सूरीश्वरजी के शासन में प्रतिष्टाएँ , लघु श्रेष्टि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org १४५
SR No.003212
Book TitleBhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarvijay
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
Publication Year1943
Total Pages842
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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