________________
वि० सं० ५२०-५५८ ]
[ भगवान पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास
द्वितीयोदय युगप्रधान-यंत्रम्
उदय
गृहवास
युगप्रधान
orrr-sur 2014
२७%
द्वितीयोदय युग प्रधान वयरसेन नागहस्ति रेवतीमित्र सिंहसूरि (ब्रह्मदीपक) नागार्जुन भूति दिन्न कालिकाचार्य सत्य मित्र हारिल जिनभद्रगणितमाश्रमण उमास्वाति वाचक पुष्ष मित्र संभूति मादर सभूति गुप्त धर्म ऋषि ( रक्षित) ज्येष्ठांगगणि फल्गुमित्र धर्मघोष विनय मित्र शीलमित्र रेवति मित्र सुमिणमित्र हरि मित्र
mor:09ur or ० 1
५४ । ११२+
१०४ ११०
०१०
mrrrrr Dr ur r ० 0 r9999 ० ० ०
६०
४९
७८x
१००
m 9999 ० ० ०
७८
* १७ भी है + ३० भी है + १५० भी है x ७९ भी है + १०१ भी है।
९३६
Jain Education international
For Private & Personal Use Only
[युगपधान आचार्यों का समर
www.janelibrary.org