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तीर्थ माला संग्रह पिण ते वस्तु पाले कराव्युजी, तीरथना रसिया । आठ पडिमाइं सोहाव्युजी, मुझ हीयडे वसिया ।। ते उपर चौमुख राजेजी, तीरथना रसिया। च्यार शाश्वता जिनजी विराजेजी, मुझ हीयडे वसिया ॥ ऊगमणी बेछेदेरीजी, तीरथना रसिया । जिन पडिमा इग्यार भलेरीजी, मुझ हीयडे वसिया ॥ साहेम चन्दनी दखणातीजी, तीरथना रसिया। देहरीमा जोडी सुहातोजो, मुझ हीयडे वसिया ॥ सा रामजी गंधारीइं कीधोजी, तीरथना रसिया । प्रासाद उत्तंग प्रसिद्धोजी, मुझ हीयडे वसिया ।। तिहां चौमुख देखी पाणंदुजी तीरथना रसिया। सात प्रतिमा साथे वंदूंजी, मुझ हीयडे वसिया ।। षट देरोछे तस संगेजी, तीरथना रसिया। जिन नमीइं त्रेतालीस रंगेजी, मुझ हीयडे वसिया ॥ तेह चोवीस जिननी माडीजी, तीरथना रसिया । जिन संगे लेइ नें वाडीजी, मुझ हीयडे वसिया । मूल कोटनी भमती माहेजी, तीरथना रसिया। फरती छे च्यार दिस्याइजी, मुझ होयडे वसीया । पांच से सडसठी सुख कंदोजी, तीरथना रसिया ।। फरताँ जिन सघले वंदोजी, मुझ हीयडे वसिया । मूल कोटनी चैत्य नीहावेजी, तीरथना रसिया ।। तिहाँ प्रभु सग वीससे वंदोजी, मुझ हीयडे वसिया ।। कहे अमृत ने चिर नंदोजी, तीरथना रसिया ॥१२॥ ढाल ५ मी.
हुं वारीरे एदेशी । वातकरो वेगला रही म्हारा वाल्हारे एदेशी । हवें हाथी पोलेनी बाहिरें वीसरामी रे ।
बे गोंखे छे जिनराज नमुशिर नामी रे। तेहथी दक्षण अणी इं, वीसरामी रे ।
___ कहुं जिनघर जिननो साज नमु शिरनामी रे। कुमर नरे ह करावीयो वीसरामी रे ।
धन खरची सार विहार नमुशिर नामी रे ।
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