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________________ तीर्थं माला संग्रह अमदावादीनं देहरू कहीयें, तेहमां प्रतिमा तेर रे । ते पछवाडे देहरी मांहे, प्रणमु, आठ सवेर रे ।। १४ । हुं. त्रि. सेठ जगन्नाथजी इंक राव्यं, जिन मंदिर भले भावें रें । तेहमाँ नवजिन पडिमा वंदी, कवि श्रमृत गुण गावे रे ।। १५ ।। हुं. त्रि. ढाल: -- तुम्हे पीलां पीतांबर पेरयांजी, मुखने मरकलडे, ए देशी ॥ रायण थी उत्तर पासेजी, तीरथना रसिया, जिनवर जिनघर उल्लासें जी मुझ होयडे सहू भाषु जोइ सिव नामीजी, तीरथना मुझ मनडा अंतर यामी जी मुझ हीयडे जिन मुद्राई ऋषभ जिरदोजी, तोरथना तिम भरत बाहुबल वंदोजी, मुझ हीयडे नमी विनमी काउ सग सीमाजी, तीरथ ब्राह्मी सुंदरी एक देरी पक्ष किसन श्रुक्त व्रत सेठ विजय ने विजया एहवां कोई नहूँ अवतारीजी, तीरथना तीरथना मुझ हीयडे जाउ तेहनी हूं बलिहारीजी, गच्छ अंचल चैत्य कहावेजी, वीस पडिमा बंदु भावेजी, तस मंडप थंमा मांहेजी, चउद पडिमा वंदु त्यांहिजी, मुझ मनडे भूषण दासना देहरा मांहेजी, तीरथना तेर प्रतिमा थापी उच्छा हेंजी, मुझ हीयडे बाछरडा मंगल स्वभातीजी तीरथना तस चैत्यमा गण्य सोहा तीजी, मुझ मनडे साकर बाईना देहरा मांहेजी, तीरथना सात प्रतिमा निरषी आणंदोजो, मुझ हीयडे तिहांथी वली आगल चालीजी, तीरथना माता दीसोतनुं देहरू भारीजी, मुझ हीयडे Jain Education International मांजी, धारी जी, नारी जी, मुझ हीयडे तीरथ ना मुझ होयडे तीरथना तीरथना For Private & Personal Use Only वसिया || रसिया । वसिया || रसिया । वसिया || नारसिया । वसिया || रसिया । वसिया रसिया । !! रसिया || वसिया । रसिया || रसिया । वसिया || रसिया । वसिया || रसिया । वसिया || रसिया । वसिया || रसिया । वसिया ॥ www.jainelibrary.org
SR No.003209
Book TitleTirth Mala Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherParshwawadi Ahor
Publication Year1973
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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