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परिशिष्ट (ख)
परिशिष्ट (ख)
फर्मान नं. २ का अनुवाद ।
अल्लाहो अकबर । अबु-अलमुज़फ्फर सुल्तान............का हुक्म. ऊँचे दर्जेके निशानकी नकल असलके मुताबिक है।
इस वक्त ऊँचे दर्जेवाले निशानको बादशाही महरबानीसे बाहर निकलनेका सम्मान मिला (है) कि,-मौजूदा और भविष्यके हाकिमों, जागीरदारों, करोडियों और गुजरात सूबेके तथा सोरठ सरकारके मुसदियोंने, सेवड़ा (जैनसाधु ) लोगोंके पाप्त गाय और बैलोंको तथा भैंसों और पाड़ोंको किसीमी समय मारनेकी तथा उनका चमड़ा उतारनेकी भनाईसे संबंध रखनेवाला श्रेष्ठ और सुखके चिह्नोंवाला फर्मान है और उस श्रेष्ठ फर्मानके पीछे लिखा है कि,-" हर महीनेमें कुछ दिन इसके खानेकी इच्छा नहीं करना तथा इसे उचित और फ़र्न समझना।
और जिन प्राणियोंने घरमें या वृक्षोंपर घौसले बनाये हों उन्हें मारने या कैद करने ( पिंजरेमें डालने ) से दूर रहनेकी पूरी सावधानी रखना ।" इस मानने लायक फर्मानमें और भी लिखा है कि,"योगाभ्यास करनेवालोंमें श्रेष्ठ हीरविजयसूरिके शिष्य विजयसेनमूरि सेवड़ा और उसके धर्मको पालनेवाले-जिन्हें हमारे दर्बारमें हाज़िर होनेका सम्मान प्राप्त हुआ है और जो हमारे दर्वारके खास हितेच्छु हैं-उनके योगाभ्यासकी सत्यता और वृद्धि तथा परमेश्वरकी
१ देखो पीछे पेज १६५, १६६ ।
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