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________________ सूरीश्वर और सम्राट । स्वयं उस बाजारमें गया था। वहाँ उसने एककपडे बेचती हुई स्त्रीसे Pos १ खुरदादका ६ ठा दिन; १ तीरका १३ वाँ दिन १ अमरदादका ७ वाँ दिन; १ शहरीवरका ४ था दिन, ३ दाईका ८-१५-२३ वाँ दिन; १ बहमनका २ रा दिन, . अस्फंदार मुजका ५ वाँ दिन; १५ जोड़. इस प्रकार १५ दिन गिने गये हैं। परन्तु ' मीराते अहमदी 'का बर्डने अंग्रेजी अनुवाद किया है । उसके ३८८ वें पष्ठमें १३ दिन ही गिने गये हैं। उसमें नये बरसका १ ला दिन और दाईका ८ वाँ दिन ये दो दिन नहीं गिने गये हैं। दूसरा यह भी भेद है कि, 'अकबरनामा' और 'आइन-ई-अकबरी' के मतसे उपर्युक्त लिस्टमें लिखे अनुसार अस्फंदारमुजका ५ वाँ दिन गिना गया है और 'मीराते अहमदी' में अस्फंदारमुजका ९ वौं दिन बताया गया है। इन दोनों मतोंमें अगर बदाऊनीका मत भी शामिल कर लिया जाय तो, बदाऊनीके दूसरे भागके अंग्रेजी अनुवादके ३३१ वें पेजमें जो उल्लेख है उससे १४ दिन ही होते हैं। क्योंकि उसने, फरवरदीन महीनेके उनीसवें दिनको वर्षारंभके उत्सवका एक अंश माना है । अभिप्राय कहनेका यह है कि, फरवरदानके १ ले और उन्नीसर्वेमेसें किसीने १ ला दिन लिया है और किसीने १९ वा और किसीने दोनों ही लिये हैं । इन दोनों मतोंमे कोई महत्त्वकी बात नहीं है; क्योंकि फरवरदीनका १९ वाँ दिन भी फरवरदानके ले दिनका एक अंश हो है। यानी वह नवरोजके उत्सवोंका अन्तिम दिन है । मगर 'दायी के ८, १५, और २३ वें दिनों से किसीने १५ वाँ और किसीने २३ वा गिना है। ऐसा क्यों हुआ इसका कारण समझमें नहीं आता । इसके अलावा भरपंदारमुजका किसीने ५ वाँ दिन बताया है और किसीने ९ वाँ। यह मतभेद भी खास विचारणीय है। उपयुक्त दिनों में जो नये बरसका पहला दिन गिना गया है वही नवरोजका दिन है । यह दिन फरवरदीन महीनेका प्रथम दिन है । इसका परिचय 'मीराते अहमदी के अंग्रेजी अनुवादके पृ० ४०३-०४ में इस प्रकार कराया गया है: « Let him do everything that is proper to be done at the festival of the NaoRoz, a feast first Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003208
Book TitleSurishwar aur Samrat Akbar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyavijay
PublisherVijaydharm Laxmi Mandir Agra
Publication Year
Total Pages474
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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