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सम्राट्का शेषजीवन । थे। उसके धर्ममें जो लोग सम्मिलित हुए थे उनमेंसे मुख्यके नाम ये हैं :१-अबुलफ़ज़ल;
२-फैज़ी; ३-शेखमुबारिक नागौरी; ४-ज़फरबेग आसफ़रखा ५-कासम काबुली; ६-अब्दुल्सनद ७-आजमखाँ कोका; ८-मुल्ला शाहमुहम्मद शाहाबादी; ९-सूफ़ी अहमद; १०-सदर जहान मुफ्ती ; ११-१२-सदर जहान १३-मीर शरीफ़ अमली;
मुफ़्तीके दो लड़के; १४-सुल्तान ख्वाजा सदर; १५-मिर्जाजानी हाकमठवा; १६-नकी शोस्तरी; १७-शेखजादा गोसाला बनारसी; १८-बीरबल;
'दी हिस्टरी ऑफ आर्यन स्कूल इन इण्डिया के लेखक मि. इ. वी. हेवेल लिखते हैं कि, अकबरके धर्ममें जो लोग सम्मिलित हुए थे वे चार भागोंमें विभक्त थे।
एक भाग ऐसा था जो अपने सारे दुनियवी लाम बादशाहके अर्पण करनेको तैयार रहता था। ___ दूसरा भाग ऐसा था जो अपना जीवन बादशाहके लिए अर्पण करनेको तत्पर रहता था।
तीसरा भाग ऐसा था जो अपना भान बादशाहके अर्पण करता था। और,
चौथे भागके मनुष्य ऐसे थे जो बादशाहके धर्म संबंधी विचारोंको अक्षरशः अपने ही विचार समझते थे। ..x प्रो. माजादको उमें लिखी हुई 'दमारे अकबरी : नामकी पुस्तकका पृ. ७३ वाँ देखो।
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