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दीक्षादान ।
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सिष्य दिषीआ एकसो नि साठ, साधइ हीर मुगतिनी बाट; ४६ एक सो साठि पंडितपद दीध, साति उवन्झाय गुरु हीरिं कीध ।
पृ० २२१ ___ इससे मालूम होता है कि, मरिनीने एक सौ साठ आदमियोंको दीक्षा दी थी; और एक सौ साठ साधुओंको पंडितपद दिया था और सातको उपाध्यायके पदसे विभूषित किया था।
१-यह दौलतखाँ, ऐसा जान पड़ता है कि, खंभातके राय कल्याणका नौकर था । इसके लिए जो विशेष जानना चाहें वे मीराते एहमदी (गुज. राती अनुवाद ) का १४ बाँपुर देखें।
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