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________________ ६३२ तत्त्वनिर्णयप्रासाद हुणा ४९, केकया ५०, हूणा ५१, रोमका ५२, रुक्खा ५३, मरुका ५४, इत्यादि अनार्यदेशके वासी मनुष्योंके नाम, प्रश्नव्याकरण सूत्रमें लिखे हैं. । और शक १, यवन २, शबर ३, बबर ४, काय ५, मुरुंड ६, दुगोण ७, पक्कण ८, अक्खाग ९ हूण १०, रोमस ११, पारस १२, खस १३, खासिक १४, डुबिल १५, यल १६, बोस १७, बोक्स १८, मिलिंद १९, पुलिंद २०, क्रौंच २१, भ्रमर २२, रूका २३, क्रौंचाक २४, चीन २५, चंचूक २६, मालंग २७, दमिल २८, कुलक्षय २९, केकय ३०, किरात ३१, हयमुख ३२, खरमुख ३३, तुरगमुख ३४, मेंढकमुख ३५, हयकर्ण ३६, गजकर्ण ३७, इत्यादि अनार्यदेशोंके नाम, सूत्रकृतांगकी नियुक्ति में कहे हैं. । इत्यादि एकतीस सहस्र नबसौ साढेहत्तर (३१९७४ || ) अनार्य देश जिसमें वसते हैं. और साढे पचीस (२५) आर्यदेश हैं, उनके नाम प्रज्ञापना सूत्रसें लिखते हैं । राजगृहनगर - जगधजनपद १, अंगदेश- चंपानगरी २, बंगदेश-ताम्रलिप्तीनगरी ३ कलिंगदेश - कांचनपुरनगर ४, काशीदेश - वाणारसीनगरी ५, कोशलदेश - साकेतपुर अपर नाम अयोध्यानगर ६ कुरुदेश - गजपुर ( हस्तिनापुर ) नगर ७, कुशावर्त्तदेश - सौरिक पुरनगर ८, पंचाल देश - कांपिलपुरनगर ९, जंगलदेशअहिछत्तानगरी १०, सुराष्ट्रदेश-द्वारावती ( द्वारिका ) नगरी ११ विदेहदेश - मिथिलानगरी १२, वत्सदेश - कौशांबीनगरी १३, शांडिल्यदेशनंदिपुरनगर १४, मलयदेश- भद्दिलपुरनगर १५, वच्छदेश - वैराटनगर १६, वरणदेश- अच्छापुरीनगरी १७, दशार्णदेश - मृत्तिकावतीनगरी १८, चेदिदेश- शौक्तिकावतीनगरी १९ सिंधुदेश - वीतभयनगर २०, सौवीरदेश - मथुरानगरी २१, सूरसेन देश - पाशनगरी २२, भंगदेश - मासपुरिवहानगरी २३, कुणालदेश - श्रावस्तीनगरी २४ लाढदेश - कोटिवर्षनगर २५, श्वेतंबिकानगरी केकय आधा (1) देश, येह साढे पच्चीस (२५॥) आर्यदेश हैं. क्योंकि, इन देशोंमेंही जिन तीर्थंकर, चक्रवर्ती, बलदेव, वासुदेवादि आर्य-श्रेष्ठ पुरुषोंका जन्म होता है, इसवास्ते इनको आर्यदेश कहते हैं. येह सर्व आर्यदेश विंध्याचल, और हिमालयके वीचमें हैं. हैम, अमरा Jain Education International M For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003207
Book TitleTattvanirnaya Prasada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAmarchand P Parmar
Publication Year1902
Total Pages878
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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