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मुनिराज श्री वृद्धिचंदजी. मूल नाम-कृपाराम, ज्ञाति-ओसवाल.
जन्म - स० १८९०.
दीक्षा, सं० १९०८. बालब्रह्मचारी.
श्रीमन बटेरायजीके शिष्य.
स्वर्गवास. सं० १९४९.
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मुनिराज श्री खांतिविजयजी. (तपस्वीजी ) मूल नाम - खरायतिंमल.
ढुंढक दीक्षा, सं० १९११. संबंगी दीक्षा, सं० १९३०, श्रीमन् बूटेरायजी के शिष्य, काठिआवाड में विचर हैं. स्वर्गवास, सं० १९५९. ( जन्म चरित्र - पृष्ट ४०.)
श्रीमन् मुक्तिविजयजी गणि ( मूलचंदजी. ) आदिकं सद्गुरु.
मुनि महाराज श्री १००८ श्री बुद्धि विजयजी (बूटेरायजी ).
जन्म-सं० १८६३. ढूंढक दीक्षा,
सं० १८८८. स्वयंमेव संवेगी दीक्षा,
सं० १९०३. बाल ब्रह्मचारी. तपगच्छ दीक्षा. सं० १९११. स्वर्गवास. सं० १९३८
मुनिराज श्री नीतिविजयजी. मूल सूरतके. नाम-नगीनदास. दीक्षा, सं० १९१३. बहुधा खंभात में रहे. श्रीमन् बूटेरायजीके शिष्य. स्वर्गवास, सं० १९४७. zoose tester Los togeofcois मुनि श्रीमन्महोपाध्याय श्री लक्ष्मीविजयजी
( विश्भचंदजी ) मूल-पुष्करणा ब्राह्मण. ढूंढक दीक्षा, सं० १९१४ श्री आत्मारामजी के ये बडे और विद्वान शिष्य थे. स्वर्गवास, सं० १९४०.
(ज. च. पृष्ट ४४, ६०.)
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