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मुनि श्री वल्लभ विजयजी. जन्म सं० १९२७. जन्म, - वडौदा ; ज्ञाति-श्रीमाली ; पीता-दीपचंद; माता-इच्छाबाई. दीक्षा, सं० १९४४ में रावणपुर. श्रीमन्महोपाध्याय श्री लक्ष्मीविजयजीके शिष्य - श्री हर्षविजयजी के शिष्य.
पंजाब में इनके उपदेशसे पुस्तक भंडार, आत्मानंद जैन पत्रिका, आत्मानंद जैन पाठशाला, पाई फंड आदि की स्थापना हुई.
पंजाबदेश तीर्थस्तवनावली आदि के कर्त्ता.
इस ग्रंथ के संशोधन कर्त्ता.