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________________ ५. चंदनबाला दधिवाहन राजा की बेटी । ६. चंदनबाला धन्ना शेठ के घर रही । ७. चंदनबालाने छै महीने का पारणा कराया । ८. संगम देवता का उपसर्ग । ९. श्रीमहावीरस्वामी के कान में कीले ठोके । १०. श्रीमहावीरस्वामी ने१४. चौमासे नालंदे के पाड़े किये । ११. श्रीमहावीरस्वामी को पूरण शेठने उड़द के बाकुले दिये । १२. श्रीमहावीरस्वामी से गौतम ने वाद किया । १३. श्रीमहावीरस्वामी ने चंडकोसीया को समझाया । १४. श्रीमहावीरस्वामी ने मेरुपर्वत कंपाया । १५. चेड़ा राजा की सातों बेटी सती । १६. अभयकुमार ने महिल जलाए । १७. श्रेणिक राजा चार बोल करे तो नरक में न जावे । १८. श्रेणिक के समझा ने को अगड़बंब बनाया । १९. प्रसन्नचंद्र राजा का अधिकार । २०. दीवाली के दिन अठारह देश के राजाओं ने पोसह किया । २१. श्रीमहावीरस्वामी का कुल तप । २२. श्रीमहावीरस्वामी का जमाली भाणजा । २३. श्रीमहावीरस्वामीका जमाली जमाई । २४. त्रिशला रानी चेडा राजा की बहिन | २५. करकंडु पद्मावती का बेटा । २६. नमिराजा मदनरेखा और युगबाहू का चरित्र । २७. ब्रह्मदत्त चक्रवर्ती की कथा । २८. सगर चक्रवर्ती की कथा । २९. सुभूम चक्रवत्ती सातवां खंड साधने गया । २०. मेघरथ राजा ने पारेवडा (कबूतर ) बचाया । ३१. श्रीनेमिनाथ राजीमती के नव भव । ३२. राजीमती के बाप का नाम उग्रसेन । ३३. श्रीपार्श्वनाथस्वामी ने नाग नागन बचाये । ३४. श्रीपार्श्वनाथस्वामी को कमठ ने उपसर्ग किया । Jain Education International For Private & Personal Use Only १९ www.jainelibrary.org
SR No.003206
Book TitleSamyaktva Shalyoddhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj, Punyapalsuri
PublisherParshwabhyudaya Prakashan Ahmedabad
Publication Year1996
Total Pages212
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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