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मूर्तिपूजा का प्राचीन इतिहास
यह चतुर्थ श्रारा की प्राचीन जैन मूर्ति है।
आबू जैनियों का प्राचीन तीर्थ है पर ब्राह्मणकाल में उसे नष्ट भ्रष्ट कर डाला था तथापि भूगर्भ से कई प्राचीन मूर्तियां वगैरह आज भी उपलब्ध होती हैं उनमें से यह एक है । विमलवसही के देहरी नं० २० में यह मूर्ति स्थापित है। कहा जाता है कि यह मूर्ति चतुर्थ आरा की है।
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