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सचित्र
जैन जाति महोदय
(प्रथम खण्ड ) यह ग्रन्थ इतिहास की पूरी शोध खोज करके बड़े ही परिश्रम से तैयार करवाया गया है। इसमें जैन धर्म की प्राचीनता; चौबीस तीर्थङ्करों आदि का इतिहास; ओसवाल, पोरवाल, श्रीमाल भादि जैन जातियों की उत्पत्ति; ओसवाल जाति का समय निर्णय, रीतिरिवाज, गौरव, उदारता, वीरता एवं परोपकारता के प्राचीन प्रमाण; भगवान महावीर से ४७० वर्ष पर्यन्त का इतिहास और वर्तमान काल की प्रचलित हानिकारक रूढ़ियों का विस्तार से घिवेचन किया गया है । इसमें पृष्ठ १०००, चित्र ४३ और पक्की जिल्द होते हुए भी मूल्य मात्र रु० ४) चार रुपये रक्खा गया है।
मिलने का पताश्रीरस्नप्रभाकर ज्ञानपुष्पमाला
मु० फलोदी [ मारवाड]
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