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नवयुग निर्माता
के साथ नहीं निकाल सकते। सारांश कि कोई भी धार्मिक उत्सव हम धूम धाम से नहीं मना सकते । मंदिर या उपाश्रय से किसी किसम का भी जलूस हम नहीं निकाल सकते। कारण कि यहां के ठाकुर साहब ने हमारे जलसे जलूसों पर प्रतिबन्ध लगा रक्खा है।
आप-ठाकुर साहब के लिये तो उनकी सारी प्रजा एक जैसी है, और होनी चाहिये, फिर आप लोगों के धार्मिक जलसे जलूसों पर पाबन्दी क्यों ? और यह पाबन्दी शुरु से ही है या कि कुछ समय से ?
श्रावकवर्ग-महाराज ! पहले हमारे ऊपर कोई प्रतिबन्ध नहीं था। हम लोग अपनी इच्छानुसार प्रभु की सवारी-रथयात्रा और साधु मुनिराजों का प्रवेश आदि धार्मिक कार्यों को बड़े समारोह के साथ मनाते रहे, परन्तु कुछ समय से ठाकुर साहब के यहां एक कारभारी आगया जो कि कट्टर ढूंढक पंथी है । यहां के ढूंढियों ने उससे अनुचित लाभ उठाने का यत्न किया। मौका देखकर ये लोग कारभारी साहब के पास गये
और उसे उलटा सीधा समझाकर कहा कि साहब ! ये मन्दिरमार्गी हमको बहुत हैरान कर रहे हैं । जब कभी इनकी रथयात्रा वगैरह का वरघोड़ा निकलता है, ये लोग हमारे थानक के पास आकर घंटों तक गाते बजाते और नाचते कूदते रहते हैं । उससे हमारे सामायिक आदि धार्मिक कृत्य में बड़ा विघ्न आता है। हमने ठाकुर साहब से कई दफा पुकार भी की मगर वहां हमारी कोई सुनाई नहीं हुई।।
कारभारी साहब-तुम अबके फिर अर्जी दो, मैं फैसला लिख दूंगा और ठाकुर साहब से दस्तखत भी करवा दूंगा।
बस फिर क्या था उसके कहने से एक लम्बी चौड़ी अर्जी लिखकर देदी और अपने हक में फैसला करा लिया। कारभारी साहबने फैसले में लिखा है कि मन्दिराम्नाय वाले अपना वरघोड़ा तो निकाल सकते हैं, मगर दूँढियों के थानक के पास खड़े नहीं हो सकते और थानक से २५ कदम एक पासे और २५ कदम दूसरे पासे इतने फासले में बाजा और गाना बजाना बन्द रक्खें ताकि थानक में सामायिक करने वाले लोगों को किसी प्रकार की अड़चन न आवे । मन्दिराम्नाय वालों का जलूस चुपचाप निकल जावे ।
महाराज ! इस हुक्म से हम बहुत तंग आगये हैं। हमारा छोटा सा गांव है, मन्दिर से २५ कदम पर उनका थानक है और थानक से २५ कदम पर गांव की सीमा आजाती है इतने क्षेत्र में ही जलूस ने घूमना है जितने में बाजे और गाने बजाने की मनाही की गई है । तब से लेकर हमने अपना सारा धार्मिक समारोह बन्द कर दिया है और रात दिन इसी चिन्ता में घुल रहे हैं।
हम लोगों ने इस हुक्म के विरुद्ध कई एक अर्जीयें दी और ठाकुर साहब से पुकार भी की मगर कोई सुनवाई नहीं हुई । अब हम लोग इस हुक्म के विरुद्ध बम्बई हाईकोर्ट में अपील करना चाहते हैं । खबर नहीं वहाँ भी कोई सुनवाई होती है कि नहीं ? हमारा यह आखरी कदम है देखें क्या बनता है ?
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