SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 245
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( 192 ) (13) ठ० सुन्दरदास नागरमल कमलदास 11 रो० सुन्दर सूरति मूरतिसबलकृती प्रताप पाहाडिया | ( 14 ) गो० हेमराज भूपति काथा गो० मोहन सुखमम्लल 80 गढ़मल्ल जा० हरदास पुरसोत्तम । मीणवा (15) ण गो० बिहारीदास बिन्दु । मह० मेदनी भगवान गरीबदास साहरेणु रीय जीवण वजागरा मो० । ( 16 ) मलूमचन्द जूझ गो० सचल बन्दी सन्ती । चो० गो० नरसिंघ हीरा धरमू उत्तम वर्द्धमान प्रमुख श्री । ( 17 ) बिहार वास्तव्य महतीयाण श्री संघन कारितः तत् प्रतिष्ठा च श्री बृहत् खरतर बच्छाधीश्वर युगप्रधान श्री । : ( 18 ) जिनसह सूरि पट्टप्रभाकर युगप्रधान श्री जिमराज सूरि विजयमान गुरूराजानामादेशेन कृ (1) पूर्वदेश, बिहारे युग प्रधान श्री जिनचन्द्र सूरि शिष्य श्री समयराजोपा ध्याय शिष्य बा० अभवत्वर (20) णि विनये श्री कमला भोपध्यायः शिष्य पं० लब्धकीर्तिगणि प० राजहंस गणि देवविजय म ( 21 ) गणि धिरकुमार चरणकुमार मेघकुमार जीवराज सांकर जसवन्त महाजना शिष्य संततिः सपरिवार्यो । श्रीः । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003201
Book TitleMugal Samrato ki Dharmik Niti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNina Jain
PublisherKashiram Saraf Shivpuri
Publication Year1991
Total Pages254
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy