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एक चित्र : तीन परछाई
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सुनकर आया था। उसने जरा हाथों का संकेत करके कहा-'भाऊ साहब ! जरा इस टोकरी को सिर पर उठवा दीजिए।'
नेताजी ने आँखें तरैरकर उसकी ओर देखा--'हैं ? क्या बक रहा है। मिट्टी की टोकरी उठवाने को मैं ही दीखा सफेद खादी के उजले कपड़े मैले हो जायेंगे"मुझे अगली सभा में भाषण देने जाना है और यों घूरते हुए चले गए जैसे भेड़िया मेमने पर घूर रहा हो। ___ मजदूर दांत किट किटाकर रह गया-'श्रम से जी चुराने वाला चोर होता है, तो तुम क्या हो, ढोंगी !!'
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