________________
५४ सोने का झोल
एक पादरी महोदय ने नगर के प्रसिद्ध श्रीमंत यहूदी को ईसाई बनाने के विचार से उन्हें चर्च में बुलाया। थोड़ी देर बातचीत की और प्रभु ईसा का नाम सुनाकर यहूदी के शरीर पर तीन बार पानी के छींटे डाले । पादरी ने कहा-अब तुम ईसाई बन गये हो, पवित्र दिन (साबाथ के दिन) में कभी भी माँस मत खाना।
यहूदी ने पादरी की बातें सुनी और चुपचाप अपने घर चला आया।
साबाथ के दिन पादरी ने सोचा-"चलकर देखना चाहिए कि वह व्यक्ति सचमुच मेरे कहने पर अमल करता है या नहीं।" पादरी ठीक भोजन के समय पर उसके घर पहुँचा और वह देखकर हैरान रहगया कि आज भी उसकी टेबल पर माँस रखा हुआ है।
पादरी ने कहा- "तुम्हें याद नहीं रहा, आज के
Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org