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ज्ञानी का धीरज
संकट, आपत्ति और विनाश की काली घटाएं जब घहर-घहर कर जीवन पथ को अंधकार मय बना देती हैं, सुख, प्रसन्नता और आनन्द की प्रकाश किरणों को ढंक देती हैं, तब वह कौन-सा दीपक है जो अपना क्षीण प्रकाश देकर भी मनुष्य के मन को आलोक देता है, विपत्ति के गर्त में झूलते हुए को सहारा देकर थामे रखता है, वह कौन सा सहारा है ? वह है-ज्ञान, विवेक ! धैर्य ! ___ कभी- कभी जीवन में ऐसे भूचाल आते हैं, कि मनुष्य सहसा अपने वर्षों के श्रम की उपलब्धियों से हाथ धो बैठता है। जीवन भर की उपलब्धि क्षण भर में नष्ट हो जाती है, ऐसी विकट वेला में मनुष्य का विवेक, एवं संयम क्षत विक्षत होना सहज है, पर कुछ महान विवेकशाली एवं कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति होते हैं, जो इन आघातों को भी प्रकृति का उपहार मानकर स्वीकार कर लेते हैं, और उसी साहस के साथ पुनः अपनी साधना में जुट
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