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________________ ४८ बोलते चित्र तथा साथ में जाना बन्द हो गया । मंत्री ने एक दिन खतरे की भेरी बजाई मगर कोई भी नहीं आया। वे सोचने लगे हम क्यों जाएँ शूरवीर हो वह जाए। ___मंत्री ने विचार किया आक्रमण करने का यह सुनहरा अवसर है । उसने अजातशत्रु को गुप्त रूप से सन्देश भिजवा दिया । अजातशत्रु ने चढ़ाई करदी । भेरी बजाई गई कि शत्रु को गंगा पार न करने दिया जाय, किन्तु लिच्छवी कहने लगे जो शूरवीर हों, वे जाएँ । हम क्यों जाएँ ? अजातशत्रु बेरोकटोक लिच्छिवियों के राज्य में आ गया । पुनः भेरी बजाई गई कि शत्रु वैशाली में प्रवेश न करे । द्वार बंद कर उसका सामना किया जाय ! पर इसके लिए भी कोई तैयार नहीं हुआ । अन्त में अजातशत्रु ने नगर में प्रवेश किया, और अपनी विजयपता का वैशाली पर फहरा दी। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003198
Book TitleBolte Chitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year
Total Pages148
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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