SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 13
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पर द्वन्द्व और संघर्ष कुछ भी नहीं है । जड़, चेतन के बिना विकास शून्य है और चेतन जड़ के बिना आकार शून्य है। इन दोनों की क्रिया और प्रतिक्रिया ही जीवन है। शेक्सपियर ने लिखा है-क्षणिक प्रकाश देने वाले दीपक बुझो, जीवन तो केवल चलती-फिरती छाया है। ___ कला जीवन के लिए है किन्तु जीवन कला से भी बढ़कर है। जीवन के धरातल पर जिस कला का विकास हुआ है, वही सच्ची कला है। कला के सम्बन्ध में शरद्चन्द्र ने लिखा है-जो असुन्दर है, जो अनैतिक है जो अकल्याण है, वह किसी तरह कला नहीं है । धर्म नहीं है। प्रस्तुत पुस्तक में उन्हीं जीवनदर्शन के महान् कलाकारों के वे मधुर प्रसंग हैं, जो यथार्थवाद के साथ आदर्शवाद को लिए हुए हैं । एक विचारक ने लिखा हैप्राचीन महापुरुषों के जीवन से अपरिचित रहना जीवन भर निरन्तर बाल्य अवस्था में रहना है । इनमें किसी व्यक्ति विशेष के ही प्रसंग नहीं है, किन्तु ग्रन्थों को पढ़ते समय जो भी प्रसंग मेरे मन को भाए हैं उनको मैंने चित्रित किया है, इन प्रसंगों में एक भी प्रसंग यदि किसी के दिल को परिवर्तन कर सका तो मैं अपना प्रयत्न सार्थक समदूंगा। फूल और पराग, खिलती कलियाँः मुस्कराते फूल के पश्चात् यह तीसरा कहानी-संग्रह प्रकाशित हो रहा है। 'बुद्धि के चमत्कार' और 'प्रतिध्वनि' ये दो संग्रह भी प्रेस Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003198
Book TitleBolte Chitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year
Total Pages148
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy