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स्थिति रखी। उदारहृदयी पेडेरेवस्की ने कहा-हवर ! तुम घबराओ मत । टिकटों की बिक्री से जो आमदनी हुई हो उससे हाल का किराया, बिजली आदि का बिल चुकाने के पश्चात् जो कुछ भी अवशेष रहे वह मुझे दे देना। मुझे उतने में ही सन्तोष है।
हूवर ने वैसा ही किया। कार्यक्रम सम्पन्न होने पर पेडेरेवस्की ने हवर को अपने पास बुलाकर उसके हाथ में कुछ डालर थमाते हुए कहा-तुमने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए महान् श्रम किया है। तुम चाहते थे मुझे लाभ होगा। अतः इस पुरस्कार को ग्रहण करो। मेरे पास जो भी आता है मैं उसे निराश नहीं करता।
हूवर उसकी उदारता देखकर गद्गद हो गया।
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बोलती तसवीरें
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