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: १७: विचित्र आशीर्वाद
गुरु नानक जन-जीवन में अभिनव चेतना का संचार करते हुए एक गाँव में पहुँचे। वहाँ के निवासियों ने उनका हार्दिक स्वागत किया और उनके पावनप्रवचनों को अत्यन्त श्रद्धा के साथ सुना। नानक को उस गाँव के लोग अत्यन्त श्रद्धालु और सज्जन प्रतीत हुए। प्रस्थान करते समय नानक ने उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया-तुम सभी उजड़ जाओ।
गुरु नानक के साथ मर्दाना नाम का एक व्यक्ति था, जो रबाव बजाया करता था। उसने यह विचित्र आशीर्वाद सुना तो उसे बहुत ही आश्चर्य हुआ।
गुरु नानक अगले गाँव में पहुँचे। वहाँ के लोग बहुत ही कर स्वभाव के थे। उन्होंने नानक के साथ दुर्व्यवहार किया और उनके उपदेशों का उपहास किया।
विचित्र आशीर्वाद
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