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स्वागत कर रहा है। राजा वजीर के कन्धे को झकझोरते हुए बोला - पागल ! क्या तुझे मेरी यह सूचना नहीं मिली कि छः बजे तुझे फाँसी के तख्ते पर चढ़ाया जायेगा ?
वजीर ने उसी तरह मुस्कराते हुए कहा — सूचना मिल गई है राजन् ! पर अभी तो चार ही बजे हैं । समय रहते हुए जीवन का आनन्द तो लूट लू ँ । पहले से ही रोने से क्या लाभ ?
सम्राट के पास इसका कोई उत्तर नहीं था । उसने कहा- मैं वजीर की सजा वापिस लेता हूँ । इतने सुन्दर स्वभाव वाले वजीर को मैं मार नहीं सकता। जो अच्छी तरह जीना जानता है उसे मारने की शक्ति किसमें है ? जिसे जीवित रहने का मन्त्र याद है उसे कोई भी शक्ति कष्ट नहीं दे सकती ।
जीवित रहने का मन्त्र
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