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जौहरी के प्रतिनिधि ने कहा-कमीशन का मूल्य पर असर नहीं होता। क्योंकि यह राशि हम अपने प्रचार फण्ड से देते हैं। यह छिपाने की कोई बात नहीं है । तुम चाहो तो हम इस बात को महाराजा के सामने भी स्पष्ट कर सकते हैं।
शिंधे ने कहा-मुझे कमोशन स्वीकार है। जितना मुझे कमोशन आप देना चाहे उतना महाराजा के बिल में कम कर दीजिये।
आपकी वफादारी और ईमानदारो प्रशंसनीय है। मैं आपको यह बात महाराजा के कर्णकुहरों में भी डाल दगा ।
शिधे ने कहा-सा न करना। क्योंकि ईमानदारो और वफादारी मानव के कर्तव्य हैं। वह प्रचार की चीज नहीं है, किन्तु जोवन में संचार को चीज है। दूसरी बात यह है कि यदि महाराजा कमोशन की बात सुनेंगे तो साथ में आये हुए अन्य लोगों पर भी वे शंका कर सकते हैं। मेरी ईमानदारी किसी के लिए अभिशाप बने, मैं यह नहीं चाहता।
जौहरी का प्रतिनिधि शिंधे को प्रामाणिकता और निर्मल भावना पर गद्गद हो गया।
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... बोलता तसवीरें
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