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चार्ल्स डिकन्स को प्रारम्भ से हो निबन्ध लिखने की अभिरुचि थी। वह जो भी लिखता उसे कहीं कोई न देख ले इसलिए लिखकर फाड़ देता था या उसे कहीं पर छुपाकर रख देता था जिससे कि उसे पढ़कर कोई उसकी मजाक न उड़ाये।।
जिस कोठरी में चार्ल्स रहता था, उसी कोठरी में उसके साथ दो अन्य लड़के भी रहते थे। उन दोनों लड़कों के सो जाने के पश्चात् चार्ल्स उठता और निबन्ध लिखता और उसे तहखाने में छिपा देता था। किसी को भी पता नहीं था कि वह निबन्ध लिखता है।
कोठरी में रहने वाले एक लड़के ने उसका एक निबन्ध एक पत्रिका में भेज दिया और वह उस मासिक पत्रिका में प्रकाशित हो गया। उसमें सम्पादकीय टिप्पणी भी लिखी थी कि चार्ल्स का मस्तिष्क निबन्ध लिखने में बहुत ही उर्वर है। चार्ल्स ने पहली बार जब अपना निबन्ध प्रकाशित हुआ देखा तो उसे अत्यधिक प्रसन्नता हुई। सम्पादक के प्रोत्साहन से उसके जीवन में अपूर्व उत्साह का संचार हो गया। उसका बुझा हुआ दीपक प्रोत्साहन से जल उठा और वह अपने युग का एक महान निबन्ध लेखक हो गया।
बोलती तसवीरें
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