________________
६
|| बुद्धि का चमत्कार
अनिल प्रकृष्ट प्रतिभा का धनी था। उसकी प्रबल मेधा शक्ति से साक्षर और निरक्षर युवक और वृद्ध सभी प्रभावित थे। वह रात-दिन सामाजिक, व राष्ट्रीय समस्याओं को सुलझाने में ही लगा रहता था । वह अपनी मेधा शक्ति से गुरु-गम्भीर समस्याओं को भी इस प्रकार सुलझा देता था कि दर्शक देखकर चकित हो जाते । उसका सारा समय इसी प्रकार सामाजिक कार्यों में व्यतीत हो जाता। घर की सुध-बुध लेने को उसे फुर्सत ही नहीं मिलती। उसकी लोक प्रियता दिन-प्रति दिन बढ़ती जा रही थी।
मधुबाला को पति का यह व्यवहार अच्छा नहीं लगता था। घर में चूहे एकादशी करें और पतिराज सारे दिन इधर उधर को निरर्थक बातों में ही उलझे रहें, एक पैसा भी न कमावें यह तो सर्वथा अनुचित है, चार बाल बच्चे हैं, कम से कम इनका तो ध्यान रखना ही चाहिए। उसने एक दिन अनिल से कहा-"पतिराज ! इस प्रकार कैसे कार्य चलेगा ? कुछ तो कमाइए न !"
Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org