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| खून का असर
सेठ मोहनलाल बम्बई के एक बहुत बड़े व्यापारी थे। ऐसा कोई व्यापार नहीं जो वे न करते । व्यापार के क्षेत्र में उनकी बड़ी इज्जत थी। सेठ के चार लड़के, एक एक से बढ़कर सुन्दर, अज्ञाकारो व पढ़े लिखे थे। तीन लड़कों का विवाह हो चुका था। चतुर्थ लड़के विनय कुमार के लिए एक दिन सेठाणी ने कहा- "सेठ मोती लाल जो की लड़की रश्मि का नाम तो आपने सुना ही है न ? लड़की क्या है मानो साक्षात् गुलाब का फल । अध्ययन की दृष्टि से उसने एम०ए०प्रथम श्रेणो से पास किया है । बोलने चालने में भी बड़ी दक्ष है, उसके पिता के पास भी धन की कमी नहीं है, मेरी इच्छा है डाक्टर विनय का पाणिग्रहण उससे कर दिया जाय।" ___ सेठ ने कुछ विचार कर कहा--- "तुम्हारी बात सही है। मैं उनके परिवार से परिचित हूँ। मेरा विचार उसके साथ सम्बन्ध करने का नहीं है, क्योंकि उसकी दादी कुए में गिरकर मरी थी। जीवन के उन पारखियों ने स्पष्ट कहा-"पाणी पीजे छाण, और सगपण कीजे जाण ।"
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