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अनीति का धन
ही योगी के विचारों में उन्माद छा गया। वह रात होने पर मोहरों की थैली लेकर एक वैश्या के कोठे पर पहुँचा। ___मंत्री के गुप्तचर दोनों के पीछे थे, उन्होंने मच्छीमार व योगी के विचार परिवर्तन की बात मंत्री से कही । मन्त्री ने राजा को सही-स्थिति की सूचना दी । और तब राजा को सेठ की बात पर पूरा विश्वास हो गया कि अन्याय से अजित हजार मोहरों की तुलना न्याय से प्राप्त दो मोहरों से नहीं हो सकती।
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