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क्या मानव जीवन गरीब है ?
एक युवक महात्मा टाल्सटाय के पास पहुँचा । उसने उनसे निवेदन किया कि वह अत्यधिक गरीब है । उसके पास एक पैसा भी नहीं है जिससे वह बहुत ही दुःखी है ।
टाल्सटाय ने पैनी दृष्टि से युवक को देखते हुए कहा - क्या तुम्हारे पास कुछ भी सम्पत्ति नहीं है ?
युवक ने निराश होते हुए कहा- बिल्कुल नहीं है । टाल्सटाय ने कहा- मैं एक ऐसे व्यापारी को जानता हूँ । जो मानव के नेत्र खरीदता है । दोनों नेत्र के वह बीस हजार रुपये देगा, क्या तुम उनको बेचोगे ?
युवक ने कहा- नहीं, बिल्कुल नहीं। मैं कभी भी अपनी आँखें बेच नहीं सकता ।
वह हाथ भी खरीदता है, दोनों हाथों के वह पन्द्रह हजार देगा, हाथ तो बेचोगे न !
इन हाथों को भी कभी बेच नहीं सकता ।
अच्छा, वह पैर भी खरीदता है, दोनों पैरों के दस
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