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________________ ३८ अमिट रेखाएं मंत्री ने पुनः प्रश्न किया कि जीतने वाले और पराजित होने वाले के क्या शुभ और अशुभ लक्षण होंगे? योगी ने कहा-अस्सकराज को कलिंगराज की सेना में सफेद बैल दिखाई देगा, वही कलिंगराज की विजय का कारण होगा और कलिंगराज को अस्सकराज की सेना में काला बैल दिखलाई देगा वही उसकी पराजय का कारण होगा। मंत्री नन्दिसेन अपने स्थान पर लौट आया। किन्तु वह निराश नहीं हुआ। उसने एक हजार चुनिन्दे वीर सैनिकों को अपने पास बुलाया और कहा--सत्य कहना, क्या तुम अपने राजा के लिए प्राण दे सकते हो, सभी ने स्वीकृति सूचक सिर हिलाया। नन्दिसेन ने कहा-तो तुम अपने राजा के कल्याण हेतु इस पहाड़ से कूद पड़ो। सभी आगे बढ़े, पर नन्दिसेन ने कहा इस समय नहीं, पर समय पर आत्म-बलिदान के लिए तैयार रहना। कलिंगराज और उसके सैनिक पहले से ही अपनी विजय मानकर गुलछर्रे उड़ा रहे थे। उसने विजय के लिए कोई विशेष प्रयत्न नहीं किया, पर अस्सकराज अपनी पूरी शक्ति लगाकर लड़ रहा था। नन्दिसेन उसे बराबर प्रेरणा दे रहा था । अत्यधिक प्रयत्न करने पर भी कलिंगराज की सेना पीछे नहीं हट रही थी। नन्दिसेन ने अस्सकराज से पूछा-राजन् ! क्या आपको कलिंगराज की सेना में कोई जानवर दिखलाई दे रहा है ? Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003195
Book TitleAmit Rekhaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1973
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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