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अमिट रेखाएं मंत्री ने पुनः प्रश्न किया कि जीतने वाले और पराजित होने वाले के क्या शुभ और अशुभ लक्षण होंगे?
योगी ने कहा-अस्सकराज को कलिंगराज की सेना में सफेद बैल दिखाई देगा, वही कलिंगराज की विजय का कारण होगा और कलिंगराज को अस्सकराज की सेना में काला बैल दिखलाई देगा वही उसकी पराजय का कारण होगा।
मंत्री नन्दिसेन अपने स्थान पर लौट आया। किन्तु वह निराश नहीं हुआ। उसने एक हजार चुनिन्दे वीर सैनिकों को अपने पास बुलाया और कहा--सत्य कहना, क्या तुम अपने राजा के लिए प्राण दे सकते हो, सभी ने स्वीकृति सूचक सिर हिलाया। नन्दिसेन ने कहा-तो तुम अपने राजा के कल्याण हेतु इस पहाड़ से कूद पड़ो। सभी आगे बढ़े, पर नन्दिसेन ने कहा इस समय नहीं, पर समय पर आत्म-बलिदान के लिए तैयार रहना।
कलिंगराज और उसके सैनिक पहले से ही अपनी विजय मानकर गुलछर्रे उड़ा रहे थे। उसने विजय के लिए कोई विशेष प्रयत्न नहीं किया, पर अस्सकराज अपनी पूरी शक्ति लगाकर लड़ रहा था। नन्दिसेन उसे बराबर प्रेरणा दे रहा था । अत्यधिक प्रयत्न करने पर भी कलिंगराज की सेना पीछे नहीं हट रही थी। नन्दिसेन ने अस्सकराज से पूछा-राजन् ! क्या आपको कलिंगराज की सेना में कोई जानवर दिखलाई दे रहा है ?
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