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पराई वस्तु
हुना
शिष्यों न तर्क पेश करते हुए कहा- -रख्वी ने तो कहा है यदि तुम्हें कोई वस्तु मिलती है जिसे तुमने चुराया नहीं है तो वह तुम सहर्ष रख सकते हो ।
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सिमन बेन शैताह ने कहा- क्या तुम मुझे हैवान समझते हो ? हमारे ग्रन्थों में यह भी कहा है कि तुम्हारे पड़ोसी तुम्हारे भाई के समान हैं । तुम ही बताओ हमने उसकी वस्तु चुराई नहीं है किन्तु पड़ौसी के माल को हजम करना भाई के माल को हजम करने के समान है । ऐसा काम मैं कदापि नहीं कर सकता ।
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