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प्रामाणिकता
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तेज ऊँट पर बैठकर चल दिये। एक दिन तक निरन्तर चलने के पश्चात् वे ग्राहक को पकड़ सके। उन्होंने ग्राहक को थान की खराबी बताई और उसकी आधी कीमत उसे पुनः लौटा दी तथा अनुचर के द्वारा किये गये अपराध को क्षमा-याचना की।
जब वे वापिस लौटने लगे तो ग्राहक उनके चरणों में गिर कर बोला- हम आप पर जितना भी गर्व करें उतना ही कम है। आप वस्तुतः खुदा के सच्चे बन्दे हैं ।
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