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रिश्वत नहीं लूंगा
___ सेठजी पूरे घुटे-घुटाये व्यक्ति थे। वे कहां पोछे हटने वाले थे। उन्होंने कहा-श्रीमान् ! आपको पता है ये एक लाख रुपये हैं, आप जीवन भर श्रम करके भी न कमा पायेंगे । स्मरण रहे, यह सुवर्ण अवसर आपश्री को मिला है, इसे अपने हाथ से न जाने दें।
__ सीतलभाई ने मधुर मुस्कान बिखेरते हुए कहासेठजी! मैं रिश्वत लेकर कभी भी मिथ्या निर्णय नहीं कर सकता।
सेठजी को अपने धन पर गर्व था, अतः वे अपनी मूंछों पर ताव देते हुए बोले-याद रखियेगा, इतनी बड़ी रकम देने वाला आपको इस जीवन में अन्य कोई व्यक्ति नहीं मिलेगा।
सीतलभाई ने कहा-इतनी और इससे भी अधिक रकम देने वाले एक नहीं अनेक माई के लाल मिल जायेंगे पर लेने से इन्कार करने वाले व्यक्ति बहत ही कम मिलेंगे। अतः आप बिना आगे कुछ कहे पलटे पांवों लौट जाइए। मेरा वही निर्णय होगा जो सत्य पर आधारित होगा।
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