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________________ : १६: अत्याचार क्यों ? गुरु नानक एक बार परिभ्रमण करते हुए बगदाद पहुँचे । वहाँ का शासक खलीफा था । जो महान् अत्याचारी था । वह नीति को भूलकर, जनता-जनार्दन को त्रस्त कर अपने खजाने को भरता था । उसने सुना कि गुरु नानक आये हैं । वह उनके दर्शनार्थ पहुँचा । गुरु नानक ने सुना सुना कि वह आ रहा है तो उसे प्रतिबोध देने हेतु अपने सामने सौ कंकड़ चुनकर एकत्रित किये । कंकड़ों को देखकर खलीफा सोचने लगा कि मैंने तो सुना था कि यह बहुत ही बुद्धिमान हैं पर मैं तो विपरीत देख रहा हूँ । बालकों की तरह इन्होंने भी कंकड़ इकट्ठे कर रखे हैं ? उसने गुरु के समक्ष अपनी जिज्ञासा प्रस्तुत की कि आपने इन कंकड़ों को क्यों इकट्ठा किया है ? नानक- मैं तुम्हारे पास इनको अमानत रखना चाहता हूँ । खलीफा ने पूछा- आप पुनः इन्हें कब ले जायेंगे ? : ३० : Jain Education Internationalte & Personal Usev@rjainelibrary.org
SR No.003194
Book TitleGagar me Sagar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1979
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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