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हृदय-परिवर्तन
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नगर में यह उद्घोषणा भी कर दी कि मुहम्मद अब कुछ ही घण्टों का मेहमान है। उस पर बिजली गिरेगी और वह नष्ट हो जायगा। लोगों ने बुढ़िया के कथन को ध्यान से सुना और उन्हें विश्वास हो गया कि बुढ़िया का कथन सत्य है। पर जब बुढ़िया के कथन के अनुसार मुहम्मद पर बिजली न गिरी तो बुढ़िया ने सोचा कि मैं नगर को छोड़कर अन्यत्र चली जाऊँ। वह अपने बहुमूल्य आभूषणों की गठरी को लेकर नगर से चल दी। किन्तु वह गठरी इतनी भारी थी कि वह उठा नहीं पा रही थी। सामने से एक व्यक्ति आता हुआ दिखाई दिया। बुढ़िया ने कहा--- यह गठरी उठाओ और मेरे साथ चल दो।
उसने गठरी उठाई और बुढ़िया के साथ चलने लगा। बुढ़िया ने उसे बताया-मैंने नगर को छोड़ा है। अब मक्का में भयंकर युद्ध होगा। क्योंकि एक सिरफिरा व्यक्ति पैदा हुआ है। वह अपने आपको पैगम्बर कहता है। वह बहुत बड़ा जादूगर है। तुम उसके चक्कर में मत आना।
बुढ़िया ने जी भरकर मुहम्मद को गालियाँ दीं। वह व्यक्ति शांति से सुनता रहा। बुढ़िया ने कहा-बता, तेरा क्या नाम है ?
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