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क्षणों का सदुपयोग
रहा है। पता नहीं कब क्या हो, केवल ईश्वर या भाग्य ही हमारा रक्षण कर सकता है। - मौलाना ने जब यह सुना तो वे घबरा उठे। सोचा-मेरे मित्र टोयनबी अत्यधिक परेशान होंगे। अतः वे दौड़कर उनके केबिन में पहुँचे। पर वे यह देखकर हैरान हो गये कि टोयनबी आरामकुर्सी पर बैठे हुए मस्ती के साथ ग्रन्थ पढ़ रहे हैं। उनकी मुखमुद्रा पर किसी भी प्रकार के भय की रेखा नहीं है। ___मौलाना ने भयभीत होते हुए कहा-क्या तुम्हें पता नहीं है ? समुद्र में भयंकर तूफान आ रहा है। किस समय हमारा स्टीमर समुद्र में गर्क हो जायगा, यह किसी को पता नहीं है। किन्तु तुम तो पूर्ण रूप से निश्चिन्त बैठे हो।
टोयनबी को सारी स्थिति का परिज्ञान था तथापि वे मुस्कराते हुए अपने मित्र को देख रहे थे। उन्होंने कहा- मुझे ज्ञात है खतरे की घण्टी बज चुकी है। मेरा जीवन कुछ ही क्षणों का है। ऐसे बहुमूल्य क्षणों का जितना भी सदुपयोग हो सके कर लेना चाहिए जिससे बाद में विचार न करना पड़े। __ मौलाना के पास इसका कोई उत्तर नहीं था।
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