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६४. सेनापति का अनुशालनपालन ६५. नेहरू जी की उदारता
६६. नींव का पत्थर ६७. असुर और ससुर ६८. पराधीनता का कारण ६६. सेठ की बुद्धिमानी
७०. समझ का फेर
७१. क्षणों का सदुपयोग
७२. हृदय परिवर्तन
७३.
न्यायपरायणता
७४. पढ़ना और गुनना
७५. ईमानदार राजभक्त
७६. सलाह नहीं, सहयोग
७७. करुणा
७८. अनूठा उपाय
७६. सच्चा स्नेह
८० अहंकार और प्रदर्शन
८१. सफलता का मूल्यांकन
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