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आदर्श पत्नीव्रत
___ युद्ध के मैदान में एक वीर की तरह कर्णसिह लड़ रहा था। उसकी वीरता को देखकर शत्रु मैदान छोड़कर भाग रहे थे। एक शत्र ने पीछे से विष बझा बाण फका जिसके लगते ही कर्णसिह मूच्छित होकर गिर पड़ा। महारानी कलावती ने पति को मूच्छित होते देखा। उसने उसी समय पति को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया और स्वयं युद्ध के मैदान में कूद पड़ी। शत्रु समझ रहे थे कि कलावती कला की ही मूर्ति है, पर उसने युद्धकला में ऐसा कमाल दिखाया जिससे शत्रुओं के दाँत खट्टे हो गये। शत्रु सेना पराजित होकर भाग गई। शत्रुओं पर विजय वैजयन्ती फहराकर कलावती अपने पति के पास पहुँची। उसने वैद्य को बुलाकर पूछा कि आप ऐसा उपाय बताइये जिससे
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