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सती की महिमा ५१ रहती है । ब्राह्मण भी इतना सन्तोषी है कि जो भी मिल जाता है उसी से अपना जीवनयापन करता है। उसकी पत्नी ने आज तक किसी भी पर-पुरुष का मुंह नहीं देखा है। वह सदा घर में ही रहती है। इसीलिए उसका दर्शन होना बहुत कठिन है।।
राजा भोज ने कालिदास से कहा-क्या मैं उसके दर्शन नहीं कर सकता ? तुम तो बहुत ही बुद्धिमान हो। ऐसा कोई उपाय करो जिससे उसके दर्शन हो सके। ___कालिदास-राजन् ! एक उपाय है। ब्राह्मण प्रायः लोभी होते हैं। यदि आप उन्हें धन का लोभ दें तो सम्भव है वह धन के लोभ से आपकी सेवा में उपस्थित हो और फिर उसके बाद कार्य हो सकता है।
राजा भोज ने अपने अनुचरों को भेजकर शंकर शर्मा को राजसभा में बुलाया। राजा के आदेश से शंकर शर्मा राजसभा के लिए प्रस्तुत होने लगा। उस समय उसकी पत्नी ने निवेदन किया-पतिदेव ! राजा भोज महान् दानी है। आपको विराट् सम्पत्ति देकर पुरस्कृत करेगा । मेरा नम्र निवेदन है आप धन के लोभ में न आवें। यदि आपने राजा भोज के द्वारा प्रदत्त धन को ग्रहण कर लिया तो हमारा अपरिग्रह का
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