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लाल नहीं, सास
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आश्चर्य है उस सेठ ने आपके सामने झूठ कहा है। हम अभी-अभी देखकर आये हैं उसकी दूकान में रेशम के वस्त्र हैं। - राजा ने कहा-यह व्यापारी बड़ा ही सत्यवादी है। मुझे आत्म-विश्वास है वह कभी भी झूठ नहीं बोल सकता।
उन लोगों ने कहा-आपको हमारे कथन पर विश्वास नहीं है तो आप हमारे साथ ही दूकान पर चलकर देखें । आपको ज्ञात हो जाएगा व्यापारी कितना झूठ बोलता है।
राजा ने कहा-अभी तो समय नहीं है, कल सुबह वेष परिवर्तन करके चलेंगे।
सेठ ने अपने पुत्रों को बुलाकर कहा-आज बहुत ही गजब हो गया है। अकस्मात् राजा के बुलाने के कारण मैं इतना भयभीत हो गया कि मुझे क्या कहना चाहिए यह ध्यान ही न रहा और मेरे मुह से यही निकल गया कि मेरी दूकान में रेशमी वस्त्र नहीं है। पर जब मैंने आकर देखा बहुत सारा रेशमी वस्त्र दूकान में भरा पड़ा है। अब वचन की सत्यता सिद्ध करने के लिए जितना भी रेशमी कपड़ा है उसे जला देना है। विनीत पुत्रों ने कहा-पिताजी ! दूकान में लाखों का रेशमी
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